जो चोट खाकर बैठे है वो शायर बन बैठे है
टूटे दिल के सारे टुकड़े अल्फाजो से जोड़ बैठे है
हाल ए दिल जमाने में सुनाने और जाये कहां
कोरे पन्नो के सिवा सब मशरूफ बैठे है
कोई मशगूल है खुद में कोई किस्मत का मारा है
एक टूटा दिल लेकर के फिरता है तो दूजे टूटे दिल का सौदा करने को बैठे है
आशिकी में है बस दर्द ही दर्द खुशी का नाम झूठा है
जिसने की वो तो लुट ही गया जिसने ना की वो करने को बैठे है
मालूम है कि दर्द ही मिलना है मुकम्मल हो भी नहीं सकती
साथ छोङ चाहने वाले का मुकद्दर का हाथ थामे बैठे है
अजीब है ये खेल जज्बातो का साँसे तो आती जाती है
मगर किसी और के नाम से ना जाने किसका दिल सीने में छुपाये बैठे है।
साथ हमारा हो ना हो,लेकिन मिलना तो बस म
You're a very special person.
I'm glad that you're my friend,
For when I need a l
Relationships are like lemons,
sour but sometimes sweet,
a kiss is like a cherry,
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
आज रात फिर वही सन्नाटा है
ना तेरी आ
Dard apne dil ka humne
Ek arse ke bad khola hai
Bas bat ye alag hai
Ke da
Taking a romantic ride today,
We sat upon the wagon.
Suddenly the horse lifted hi
Time is like the wind,
Slow and smooth.
Time can change swiftly,
Fast and
Sorry
It is a word
It has no substance
I cannot hold it
Nor can I
The moon has a face like the clock in the hall;
She shines on thieves on the garden wall,