वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें उबाल का नाम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
आ सके देश के काम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें जीवन, न रवानी है!
जो परवश होकर बहता है,
वह खून नहीं, पानी है!
उस दिन लोगों ने सही-सही
खून की कीमत पहचानी थी।
जिस दिन सुभाष ने बर्मा में
मॉंगी उनसे कुरबानी थी।
बोले, “स्वतंत्रता की खातिर
बलिदान तुम्हें करना होगा।
MERI MOHOBBAT
मेरी महोब्बत के पसीनो को, काश तुम पहले पोछ पाते…
AAPKI LADAI KOI OR LAD RAHA HAI
HUA KUCH YOON
Hua kuch yoon ek roz
A Word To Husbands
To keep your marriage brimming
YE MERE DESH KI NAHI HAI
हीं, ये मेरे देश की आंखें नहीं हैं
DARD KO NA DEKHO
Dard ko na dekho Dard ki nazron se,
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
Darkness...
Darkness unfolds when one man's touch
HAMARI HARI BHARI DHARTI
हरी भरी धरती हो
Remember Me
If I were to leave this world today, I'd want to be remembered, it's true,