YADGARI KE LAMHE

Posted on 21st Feb 2020 by sangeeta

जिंदगी के बहुमूल्य पल बन जाते हैं, लम्हे,
जिंदगी का गुजरा कल बन जाते हैं, लम्हे।
यादों के खजाने से निकल-निकल कर आते हैं,
वो लम्हे, लम्हा-लम्हा बेकरारी का लम्हा दे जाते हैं । ।
गीली मिट्टी की सौंधी खुशबू से महक जाते हैं लम्हे,
पत्तों पर ओस की बूंद से ढुलक जाते हैं, लम्हे।
क्यूंकर सावन की पहली बारिश से बरस जाते हैं,
आंखों में फिर धुंआ-धुंआ से छलक जाते हैं, लम्हे।
जब कभी वक्त की कसौटी पर खरे उतर जाते हैं,
वो लम्हे, यादगारी के तब भी लम्हे दे जाते हैं।।

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