KUB HOGA UJIYARA

Posted on 25th Feb 2020 by sangeeta

जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा -

केरल से करगिल घाटी तक

सारा देश हमारा,

 

कहीं तुम्हें परबत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी

भाषा के नारों में गुप्त है, मन की मीठी बानी

आग लगा दो इन नारों में

इज़्ज़त आ गई बाज़ारों में

कब जागेंगे सोये सूरज! कब होगा उजियारा

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