गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||
सभी मनाते पर्व देश का आज़ादी की वर्षगांठ है |
वक्त है बीता धीरे धीरे साल एक और साठ है ||
बहे पवन परचम फहराता याद जिलाता जीत रे |
गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||
जनता सोचे किंतु आज भी क्या वाकई आजाद हैं |
भूले मानस को दिलवाते नेता इसकी याद हैं ||
मंहगाई की मारी जनता भूल गई ये जीत रे |
गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||
हमने पाई थी आज़ादी लौट गए अँगरेज़ हैं |
किंतु पीडा बंटवारे की दिल में अब भी तेज़ है ||
भाई हमारा हुआ पड़ोसी भूले सारी प्रीत रे |
गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे
Thank you
For loving me true,
For being no one but you,
For holding my ha
आंखे कितनी भी छोटी क्यो ना हो !!
ताक
A person who will listen and not condemn,
Someone on whom you can depend.
They wi
We knew love had no space.
No choice, but to force it into
tight space. We handle
Sachi dosti ko ek rishta mil jata hai
प्यार को मत समझो पूरा
उसका पहला अक
बातों से जिसकी टीस सी होती है उसी से र
Aate hai farishtey bankar,
Rehte hai har waqt haath thamkar,
Milta Hai anmol dost
जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा -
जो चोट खाकर बैठे है वो शायर बन बैठे है<
Nafrat Kabhi Na Karna Hum Se,
Ye hum Kabi na Seh Payein Gey,
Ek bar keh Dena hums