KUB HOGA UJIYARA
जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा -
MUSALMAN MERE DESH MAIN
कान्हा की कला पे रीझकर भक्ति भावना
MATI MERE DESH KI
नदी, झील, झरनों की झाँकी मनमोहक है,
MA ME TERI AARTI UTAR LUN
कर गयी पैदा तुझे उस कोख का एहसान है
JYOTI KA VITAAN HAI
यह अतीत कल्पना,
prand ke saman hai
घोर अंधकार हो,
MERE DESH KI AANKHEN
झुकी कमर सीधी की
KHET KE PAAR
तनाव से झुर्रियां पड़ी कोरों की दरार से
YE MERE DESH KI NAHI HAI
हीं, ये मेरे देश की आंखें नहीं हैं
JO JISE MILA HUMNE WAHI SIKHA
जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने
KUCHH LOG JADA JANTE HAI
कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैंये पूरब है पूरबवाले, हर
HOTON PE SACHAI REHTI HI
होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफ़ाई रहती है
MERA WATAN WAHI HAI
चिश्ती ने जिस ज़मीं पे पैग़ामे हक़ सुनाया
WO HUMDUM NAYI BEDAD KARTE HAI
इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं,
ELAAN SE KEHTE HAI
जान हथेली पर, एक दम में गंवा देंगे
parwah nahi kuch dam ki
कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे,
Swatantrata ka samay ab aaya hai !
Uth mere veer javan uth,
HUMAZAD HUY LAD KAR
हम तो आज़ाद हुए लड़कर पर
Naam likha haye mera desh
Pyara pyara mera desh,
CHHOTA YE SANSAAR
गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है।