aag abhi bohot see kafi hai
भारत क्यों तेरी साँसों के, स्वर आहत से लगते हैं,
aalok kare jan bharat
नव-जीवन का वैभव जाग्रत हो जनगण में,
mukti diwas
धन्य आज का मुक्ति-दिवस, गाओ जन-मंगल,
aaj ki jeet
आज जीत की रात पहरुए! सावधान रहना
nadiyon se dhanwan
वेदों के मंत्रों से गुंजित स्वर जिसका निर्भ्रांत है।
azadi hum hargiz hata nahi sakte
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नही,
shahido ke naam
मज़हब जुदा सही वतन तो एक है, है फूल रंग रंग के चमन तो एक है,
hamara desh khush nasib
खुशनसीब होते हैं वो लोग….!! जो इस देश पर कुर्बान होते हैं….!
desh ki mitti
देश की माटी देश का जल
AAG KI BHIKH
धुँधली हुईं दिशाएँ, छाने लगा कुहासा,
MERI PRATHNA
विपदाओं से रक्षा करो – यह न मेरी प्रार्थना, यह करो : विपद् में न हो भय।
ye bhi koi jiwan hai
वह देश, देश क्या है, जिसमेंलेते हों जन्म शहीद नहीं।
hum veer jawan
जाग रहे हम वीर जवान,
DESH BHAKT
अमरपुरी से भी बढ़कर के जिसका गौरव-गान है-
SIR KA BOJH
KUCHH SAPNE
कुछ छोटे सपनो के बदले,बड़ी नींद का सौदा करने,
HAMNE GALE LAGAYA SUB KO
बहती जहाँ ज्ञान की धारावो भारत हमें जान से प्यारा
JHANSI KI RANI
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
DESH TABHI BNTA HAI
अलग अलग गलियों कुचों में लोग कोन गिनता है|
desh bhakti geet
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है