zindgi ka naam imtehan

Posted on 6th Feb 2020 by sangeeta

कहते हैं ज़िन्दगी का दूसरा नाम इम्तिहान हैं

पर क्यूँ, हर इम्तिहान में कोई न कोई क़ुर्बान हैं

अक्सर टूटे सपनो से बिखर जाया करते है वो लोग…

जो भी यहां जीवन के सच से रहते अनजान है

अब सपने संजोने वाली उन आखों का क्या कसूर

नादान दिल की वो तो बस एक छवि, एक पहचान है

ज़िन्दगी समझते हैं कुछ लोग चंद पलों को

इश्क़ में कहाँ रहता ज़मीन पर कोई इंसान है

Other poetry