भारत क्यों तेरी साँसों के, स्वर आहत से लगते हैं,
अभी जियाले परवानों में, आग बहुत-सी बाकी है।
क्यों तेरी आँखों में पानी, आकर ठहरा-ठहरा है,
जब तेरी नदियों की लहरें, डोल-डोल मदमाती हैं।
जो गुज़रा है वह तो कल था, अब तो आज की बातें हैं,
और लड़े जो बेटे तेरे, राज काज की बातें हैं,
चक्रवात पर, भूकंपों पर, कभी किसी का ज़ोर नहीं,
और चली सीमा पर गोली, सभ्य समाज की बातें हैं।
Do pal ki zindgani hai,
Aaj batch pan, fir khatam kahani hai,
Chalo hans kar jiya
देश लूटने की खातिर पग-पग पर दुश्मन बै
Woh suhane lamhe ab bhulaye nahi jate
Yaado k parinde yu hi udaaye nahi jate
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मेहनत सीढियों की तरह होती हैं,
“औ
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
कभी कड़ी धूप सी परेशानियाँ
जलाती र
What if we were really true
And said everything we thought
Could we then stop fee
I believe that love is loyalty.
It will always have your back.
It will bravely st
I can't tell you how much my heart hurts every day.
It's full of anger, pain, and regrets