TUMSE ISHQ KARNA SIKHA HAI
मालूम है मुझे की मैं कुछ भी लिखु तुम इन शब्दों पर यकीन नहीं करोगे जो बयान करते
KHAYALO ME SIRF TUM HO
आज रात फिर ख़यालो में तुम हो,
ALFAZON KI KAMI
रात की इस ख़ामोशी में
NA JANE KISKA DIL SEENE SE CHHU PAY BAITHE HAI
जो चोट खाकर बैठे है वो शायर बन बैठे है
ME APNI NADAIYON KO KOS RAHI THI
बेफिक्र हो चली थी ज्योंही तुम्हारा काँधा मिला था
TUMHARI MUSKAN HO MERA JIWAN
जिस क्षण तुम मुझे स्वयं से अलग करो,
TUM LOT KAR MAT JANA
तुम आओ तो
DIL AAKHIR KYUN ROTA HAI .
YEH JO GEHRE SANNATE HAIN,
PATHAR DIL
KHO GAYI HAI MANJILE, MIT GAY HAI SARE RASTE
tum or hum ajnabi ek raho pe
एक अजनबी तुम एक अजनबी हम अनजानी राहों में मिल जाएंगे
ESA DIN NA AY TUMHARE BAGAIR REHNE KA
इश्क़ किया है तुमसे तुम्हारी इबादत की है
ZIKR TERI OR MERI BATON KE
Zikr tera meri baaton me hone laga hai,
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )