मालूम है मुझे की मैं कुछ भी लिखु तुम इन शब्दों पर यकीन नहीं करोगे जो बयान करते है मेरा इश्क़।
लेकिन यह मालूम होते हुए भी ना दीवानगी थमती है ना यह कलम और ना ही मेरा इश्क़।
यह तोह कलम की कलाकारी है की हर बार कुछ नए शब्दों में लिखती है
पर तुम्हे तोह मालूम है की यह बस एक ही बात कहती है, “बेइंतहां मोहोब्बत है मुझे तुमसे”।
ना जाने आज फिर यह मालूम होते हुए तुमसे क्यों पूछ रही है
“तुमसे इश्क़ करना सीखा है, किसी और से अब यह कैसे होगा?”
प्यारी जग से न्यारी माँ,
खुशियां द
It's done and it's over
I'm through with misery
No more sadness
No more y
Aakhir tum kyu itne dil k paas ho,
Koi to vajah jarur hai, jo tum itne khas ho.
&
Nafrat Kabhi Na Karna Hum Se,
Ye hum Kabi na Seh Payein Gey,
Ek bar keh Dena hums
Raaz-o-niyaaz jo thi meri zindagi
Tere alwida se hue alhe-e-kalam
Ishq ke sukhan
To me, you're like an angel, sent by God above,
To cleanse my soul of sadness and fill it
CHEN SE SO GAYA
Dusro ki baaton me log yuhi kho gaye
Humne shuru kiya batana
To kisse galat ho gaye
Hum
बातों से जिसकी टीस सी होती है उसी से र
कब सपनों के लिए,
सपनों का घर छोड़ द
तुमको ही सोचता हूँ तुमको ही ढूँढता हू