भारत माँ के वीर सपूतों
के बलिदानों को हम
व्यर्थ न जानें देंगे
जाति ,धर्म के भेदभाव से
ऊपर उठकर
नया समाज बनायेंगे
क्या बापू के आदर्शों को
अपना पायें है
अंग्रजो की गुलामी से
निकल कर हम
क्या जाति, धर्म , गरीबी ,भष्टाचार
जैसे मुद्दों से लड़ पाये है
हीद सैनिको के परिवारों को
देख बिलखता
हम भी खामोश न रह पाये
मिलकर साथ आओ हमसब
करे प्रतिज्ञा आज
इस पावन गणतन्त्र दिवस पर
हम बापू के आदर्शों
को अपनाये
नया समाज बनाये
Overwhelming and revealing
this amazing feeling,
this ache I crave, this desire,<
यह नियम है
भावनाओं के आवेश में
क्या यह जरूरी है कि मेरे हाथों में
मुझे न बसंत भाता है,
न ही बह
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है
ह
Is vishad viddh-prahaar mein
Kisko nahi behna pada
Walking in the shadow of fear,
drowning endlessly by a single tear,
running along
Preheat the oven of love
With plenty of secrets and hugs.
Mix in g
My mirror is broken, or at least it seems to be,
for today I discovered an old man starin
LIKHTI HU TUMHARE INTEZAAR MAI
लिखती हूँ मैं,
तेरे इजहार का इंतजा