अरूजे कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा ।
रिहा सैयाद के हाथों से अपना आशियां होगा ।।
चखायेगे मजा बरबादिये गुलशन का गुलची को ।
बहार आयेगी उस दिन जब कि अपना बागवां होगा ।।
वतन की आबरू का पास देखें कौन करता है ।
सुना है आज मकतल में हमारा इम्तहां होगा ।।
जुदा मत हो मेरे पहलू से ऐ दर्दें वतन हरगिज ।
न जाने बाद मुर्दन मैं कहां.. और तू कहां होगा ।।
यह आये दिन को छेड़ अच्छी नहीं ऐ खंजरे कातिल !
बता कब फैसला उनके हमारे दरमियां होगा ।।
शहीदों की चिताओं पर जुड़ेगें हर बरस मेले ।
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा ।।
इलाही वह भी दिन होगा जब अपना राज्य देखेंगे ।
जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा ।।
Iss khoobsurat jindagi ki talash,
barso se thi hume
uperwaale ne dikha hi diya
Cammy my rabbit, feminine but buff
no really, this isn't a bluff!
A rex with her
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
Buzz, buzz in your ear,
A bumblebee follows you everywhere.
I am that bee, can't
Har Ek Keyboard Ghayal, Har Ek Login Pyaasi
Excel Mein Uljhan, Winword Mein Udaasi
<आलू कचालूआलू कचालू बेटा कहाँ गए थे,
ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया जिसक
Sachi dosti ko ek rishta mil jata hai
प्यार को मत समझो पूरा
उसका पहला अक
You're the one for me
'cause you were made just for me.
Now I'm standing in front
On a guitar of time, he played pleasant tunes,
the rhymes of his life were sung by the mo