अरूजे कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा ।
रिहा सैयाद के हाथों से अपना आशियां होगा ।।
चखायेगे मजा बरबादिये गुलशन का गुलची को ।
बहार आयेगी उस दिन जब कि अपना बागवां होगा ।।
वतन की आबरू का पास देखें कौन करता है ।
सुना है आज मकतल में हमारा इम्तहां होगा ।।
जुदा मत हो मेरे पहलू से ऐ दर्दें वतन हरगिज ।
न जाने बाद मुर्दन मैं कहां.. और तू कहां होगा ।।
यह आये दिन को छेड़ अच्छी नहीं ऐ खंजरे कातिल !
बता कब फैसला उनके हमारे दरमियां होगा ।।
शहीदों की चिताओं पर जुड़ेगें हर बरस मेले ।
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा ।।
इलाही वह भी दिन होगा जब अपना राज्य देखेंगे ।
जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा ।।
Ghanato Bath Kar Wo Baate Karna...
Ek Ek Meri Shararat Tumko Yaad To Aati Hogi Na...?
वन्देमातरम गीत नहीं मैं मंत्र हूँ जी
When you proceed,
Some will say it can't be done
And that there is no need
<नई सदी से मिल रही दर्द भरी सौगात,
 
You're the one for me
'cause you were made just for me.
Now I'm standing in front
ऐसी कहाँ मेरी किस्मत कि आपका प्यार हम
It's done and it's over
I'm through with misery
No more sadness
No more y
हे तीन रंग का तेरा परिधान हम हैं तेरे
We knew love had no space.
No choice, but to force it into
tight space. We handle
आज रात फिर ख़यालो में तुम हो,
आज फिर