जिंदगी की आपाधापी में कब हमारी उम्र निकली पता ही नहीं चला|
कंधे पर चढ़ने वाले बच्चे कब कंधे तक आ गए पता ही नहीं चला|
किराए के घर से शुरू हुआ सफर कब अपने घर तक आ गया पता ही नहीं चला|
साइकिल के पैडल मारते हुए हाँफते थे उस वक्त, कब गाड़ियों में घूमने लगे, पता ही नहीं चला|
हरे भरे पेड़ों से भरे हुए जंगल थे तब, कब हुए कंक्रीट के पता ही नहीं चला|
कभी थे जिम्मेदारी मां बाप की हम, कब बच्चों के लिए हुए जिम्मेदार हम पता ही नहीं चला|
एक दौर था जब दिन में भी बेखबर सो जाते थे कब रातों की नींद उड़ गई पता ही नहीं चला|
दो ओस की बूंद जैसे,जिंदगी के सफ़र में म
ME APNI NADAIYON KO KOS RAHI THI
बेफिक्र हो चली थी ज्योंही तुम्हारा क
She had looked for his coming as warriors come,
With the clash of arms and the bugle's ca
I believe that love is loyalty.
It will always have your back.
It will bravely st
Vulnerable before I found you
Lost in the lonely streets of my heart
I loved you
Zindagi kabhi hasati hai, kabhi rulati hai,
Kabhi khushi deti hai, kabhi gam de jaati hai
When I Die I Want Your Hands On My Eyes
When I die I want your hands on my eyes:
I want the light and the wheat of your beloved h
बातों से जिसकी टीस सी होती है उसी से र
Some feelings are shallow, some feelings are deep.
Some make us smile, some make us weep.
वो मेरी भारत माँ, मेरा प्यारा वतन।