इन अंधेरों में मुझे एक रौशनी सी दिखती है…
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
जैसे वादियों में शामिल कोई नमी सी दिखती है…
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
में तन्हां बैठा हूँ, किसी पेड की छांव में और वो फुल की एक कली सी दिखती है…
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
हो शामिल जैसे हर जश्न में एक ख़ुशी और वो ख्वाबों की परी सी दिखती है…
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
जब हर चीज को पाने को मचलता हूँ में, और वो खिलखिलाती एक तितली सी दिखती है
कहीं ये मेरी ज़िन्दगी तो नहीं!
Zindgi se apna har dard chupa lena
Khushi na sahi gam gale laga lena
Koi agar kah
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
Aakhir tum kyu itne dil k paas ho,
Koi to vajah jarur hai, jo tum itne khas ho.
&
दूर धरा से चाँद को निहारती
होकर
It's strange the things you remember
And the things you seem to forget.
It's a ja
दोस्ती
प्यार का मीठा दरिया है,पुक
खुशनसीब होते हैं वो लोग….!! जो इस देश
Sometimes I get lonely
Instagram, Twitter, Facebook
Always connecting but not con
Once a year we celebrate
with stupid hats and plastic plates
the fact that you we
Tum Sada Muskurate Raho Yeh Tamanna Hai Humari,