एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
सुनो… सुनो न!
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें
और बदलके इस रिश्ते को ढेर सारा प्यार देते हैं !
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं!
जो गलतियां तुमने की हैं, जो गलतियां मैंने की हैं!
साथ बैठके आज उन्हें सुधार लेते हैं
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं
प्यार तुमको भी है, प्यार हमको भी है
आओ इस बात को मन से स्वीकार लेते हैं!
कर गयी पैदा तुझे उस कोख का एहसान है
मैं तन पर ला दे फिरता दुसाले रेशमी
मेरी प्यार माँ तू कितनी प्यारी है माँ
नदी, झील, झरनों की झाँकी मनमोहक है,
इन अंधेरों में मुझे एक रौशनी सी दिखती
I don't want to keep feeling this way,
Because each time I come closer, you move away.
The friendship we have is so rare to find.
We hate to see each other in a bind.
W
I know there's something great in me,
Something I struggle to find.
The days and
What makes a nation's pillars high
And its foundations strong?
What makes it migh
आंखे कितनी भी छोटी क्यो ना हो !!
ताक