मालूम है मुझे की मैं कुछ भी लिखु तुम इन शब्दों पर यकीन नहीं करोगे जो बयान करते है मेरा इश्क़।
लेकिन यह मालूम होते हुए भी ना दीवानगी थमती है ना यह कलम और ना ही मेरा इश्क़।
यह तोह कलम की कलाकारी है की हर बार कुछ नए शब्दों में लिखती है
पर तुम्हे तोह मालूम है की यह बस एक ही बात कहती है, “बेइंतहां मोहोब्बत है मुझे तुमसे”।
ना जाने आज फिर यह मालूम होते हुए तुमसे क्यों पूछ रही है
“तुमसे इश्क़ करना सीखा है, किसी और से अब यह कैसे होगा?”
कसम से मेरे अंदर कुछ तो कमाल कर गया बह
KHO GAYI HAI MANJILE, MIT GAY HAI SARE RASTE
SIRF GARDISH HI GARDISH,AB HAI MERE VASTE,
She has a special way
Of turning around my terrible day.
She makes all the bad th
Dil mein dard hotho pe muskurahat ho
Aisa lage zindagi se koi shikayat na ho
Phir
आज रात फिर ख़यालो में तुम हो,
आज फिर
रात की इस ख़ामोशी में
इस कलम की सरगो
मगर, सच तो यह है कि
प्यार तुम हो,
She had looked for his coming as warriors come,
With the clash of arms and the bugle's ca
सोचता हूं कहूं वो इंकार न कर दें. .
क
Hum sare waadon ko nibhayenge
Zindagi ko safal banayenge
Tum jo sang bane raho