Patriotic Poems

KUB HOGA UJIYARA
जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा - केरल से करगिल घाटी

MUSALMAN MERE DESH MAIN
कान्हा की कला पे रीझकर भक्ति भावना के, छंद रचते हैं रसखान

MATI MERE DESH KI
नदी, झील, झरनों की झाँकी मनमोहक है, सुमनों से सजी घाटी-घाटी

MA ME TERI AARTI UTAR LUN
कर गयी पैदा तुझे उस कोख का एहसान है सैनिकों के रक्त से आबा

JYOTI KA VITAAN HAI
यह अतीत कल्पना, यह विनीत प्रार्थना, यह पुनीत भावना, यह अन

prand ke saman hai
घोर अंधकार हो, चल रही बयार हो, आज द्वार-द्वार पर यह दिया बु

MERE DESH KI AANKHEN
झुकी कमर सीधी की माथे से पसीना पोछा डलिया हाथ से छोड़ी और

KHET KE PAAR
तनाव से झुर्रियां पड़ी कोरों की दरार से शरारे छोड़ती घृण

YE MERE DESH KI NAHI HAI
हीं, ये मेरे देश की आंखें नहीं हैं पुते गालों के ऊपर नकली

JO JISE MILA HUMNE WAHI SIKHA
जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने मतलब के ल

KUCHH LOG JADA JANTE HAI
कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैंये प

HOTON PE SACHAI REHTI HI
होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफ़ाई रहती है हम उस द

MERA WATAN WAHI HAI
चिश्ती ने जिस ज़मीं पे पैग़ामे हक़ सुनाया नानक ने जिस चमन

WO HUMDUM NAYI BEDAD KARTE HAI
इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं, हमें तोहमत लगाते है

ELAAN SE KEHTE HAI
जान हथेली पर, एक दम में गंवा देंगे उफ़ तक भी जुबां से हम हर

parwah nahi kuch dam ki
कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे, आजाद ही हो लेंगे, या स

Swatantrata ka samay ab aaya hai !
Uth mere veer javan uth, Uth mere veer javan uth, Lahlahaati is dharti me aaj, Fir nayaa josh aaya hai ! Kadam apne dagmagaane na dena, Kyonki ja

HUMAZAD HUY LAD KAR
हम तो आज़ाद हुए लड़कर पर आज़ादी के बाद भी लड़ रहे है पहले

Naam likha haye mera desh
Pyara pyara mera desh, Sajaa-sanwaara mera desh, Duniya jis par garv kare– Nayan sitaara mera desh. Chaandi-sona mera desh, Safal salona me

CHHOTA YE SANSAAR
गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है। जियो और जीने

 

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