Patriotic Poems

aag abhi bohot see kafi hai
भारत क्यों तेरी साँसों के, स्वर आहत से लगते हैं, अभी जियाल

aalok kare jan bharat
नव-जीवन का वैभव जाग्रत हो जनगण में, आत्मा का ऐश्वर्य अवतर

mukti diwas
धन्य आज का मुक्ति-दिवस, गाओ जन-मंगल, भारत-लक्ष्मी से शोभित

aaj ki jeet
आज जीत की रात पहरुए! सावधान रहना खुले देश के द्वार अचल दीप

nadiyon se dhanwan
वेदों के मंत्रों से गुंजित स्वर जिसका निर्भ्रांत है। प्

azadi hum hargiz hata nahi sakte
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नही,  सर कटा सकते हैं

shahido ke naam
मज़हब जुदा सही वतन तो एक है, है फूल रंग रंग के चमन तो एक है, &n

hamara desh khush nasib
खुशनसीब होते हैं वो लोग….!! जो इस देश पर कुर्बान होते हैं&h

desh ki mitti
देश की माटी देश का जल हवा देश की देश के फल सरस बनें प्रभु स

AAG KI BHIKH
धुँधली हुईं दिशाएँ, छाने लगा कुहासा, कुचली हुई शिखा से आन

MERI PRATHNA
विपदाओं से रक्षा करो – यह न मेरी प्रार्थना, यह करो : विपद्

ye bhi koi jiwan hai
वह देश, देश क्या है,  जिसमेंलेते हों जन्म शहीद नहीं। वह ख

hum veer jawan
जाग रहे हम वीर जवान, जियो जियो अय हिन्दुस्तान ! हम प्रभात

DESH BHAKT
अमरपुरी से भी बढ़कर के जिसका गौरव-गान है- तीन लोक से न्यार

SIR KA BOJH
  विपदा में निर्भीक रहूँ मैं,इतना, हे भगवान,करो। कोई जब न

KUCHH SAPNE
कुछ छोटे सपनो के बदले,बड़ी नींद का सौदा करने, निकल पडे हैं

HAMNE GALE LAGAYA SUB KO
बहती जहाँ ज्ञान की धारावो भारत हमें जान से प्यारा सीता रा

JHANSI KI RANI
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत मे

DESH TABHI BNTA HAI
अलग अलग गलियों कुचों में लोग कोन गिनता है| साथ खड़े हों रहन

desh bhakti geet
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है जिन्दगी का राज-चर्

 

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