Poetry

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक ) सुनो… सुनो न! कुछ त

THODA SAMAJH LO
  Thoda tum mujhe samajh lo, thoda main tumhe samjh lu!  Aur kaaran is takraar ka jaan lete hain! Chalo na, waqt rehte iss rishtey ko saw

rishtey ko sawaar lete hai
Suno…. Suno na! Kuch tum badlo, kuch hum badle..  Aur badalke is rishte ko dher sara pyar dete hain… !  Chalo na, waqt rehte

tumhen har dafe manana
कसम से मेरे अंदर कुछ तो कमाल कर गया बहुत दिनों से शांत मेर

tumse jab bate shuru hui
उस एक दिन जब बातें शुरू हुई तुमसे लगा कुछ तो अलग सा है तुम म

fasal koi or katta hai
ऐसी अटल अवस्था में भी, कल क्यों पल-पल टलता है, जब मीठी परवे

 

Sign up to write
Sign up now to share your poetry.
Login   |   Register
Follow Us
Indyaspeak @ Facebook Indyaspeak @ Twitter Indyaspeak @ Pinterest RSS



Play Free Quiz and Win Cash